Thursday, March 4, 2021

1) जब तक तुम्हें देखा नहीं था मैंने कई प्रेम कविताएं लिखी
सभी में तुम्हारी आंखो का
और कुछ में बालों का जिक्र था
फिर एक दिन मैंने तुम्हें देखा
तुम्हारी आंखों में चश्मा और बालों में गार्नियर हेयर कलर था
फिर मैनें कभी कोई कविता नहीं लिखी !



2) इतने कदम चलने का कुछ कारण होगा इतना ही बोलने का भी. कुछ ना करने की जो वजह है,
कुछ करने की भी वजह वही है
स्नेह तर्कहीन नहीं बल्कि पैराडॉक्स है




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