३)एक बात दिखा पाता तुम्हे,
जब तीन छोटे कुत्ते, ठंड से ठिठुर कर एक दूसरे में कहीं छुप जाना चाहते हैं।
जब कई चीलें ऊंचे पतझड के पेड़ों मे पंचायत लगाती है।
जब लाल सूरज रुका हुआ दिखाई पड़ता है धान के खेतों के पार
जब पेड़ से उतरती है एक चौकस नन्ही गिलहरी
जब खाने की टेबल के नीचे एक सफ़ेद बिल्ली मेरे पैरों मे अपना सर सहलाते हुए चली जाती है
जब एक पत्ता टूट कर हवा के हवाले हो जाता है
जब कई बार मै वही नहीं कहता जो मैं जानता ही नहीं
धूप की संगत मे बिगड़कर ठंड़ रूठ जाती है
बड़ी उलझन है
मैं मनाऊं किसे !
४)सर्दी में सर्दी की बातें, ख्याल सरदर्दी का
ठंड में तलवों को बुने हुए मोजों की हमदर्दी का
मलहम सा कोई लफ़्ज
हाथ आ जाए तो ,
रिश्तों से कतरनें मुफ़त मिली तो
कुछ बातें सिलनी हैं
मुलाकातें सिलनी है ।
:-)
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