Friday, February 10, 2012

ऐसे तो कितनी कहानी सुनी


कहां से नैना देखेंगे रैना.. रे बता...
कां ऐसे सैना मिलेंगे फिर कहां ? रे बता !

जब जिया है उचाट, तब चले कारी बाट
राह दिन को सहे, मन कैसे चुप रहे ! तू बता !

किसने कहा था मुझसे, ठहर !
तुझे नहीं तो मुझे क्या पता !

ऐसे तो कितनी कहानी सुनी,
अपनी है कोई नयी तो बता, रे बता !


कड़ी कोई घुमाए, जब अंगीठी सी जलाए,
जब जल जाए रात तो, सुबह की भी दिखे जात
जला के आंखो पे मल डाली,
ली है जान, कि जान ही भर डाली है बता ,रे बता !






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