Sunday, August 14, 2011

इसलिये कि लिखना है..

इसलिये की लिखना है
इसलिये कि कलम बर्बाद हो रही है
इसलिये कि लोग नहीं पढते
इसलिये कि और कुछ नही आता,
लिखा गया है कि
बारिश आ जा रही है
बिना तह किये हुए बिस्तर से भी ये तो पता नही  लगता कि कितनी करवटों मे रात बीती है
आए हुए मेहमान को आज भी
केवल आधा कप चाय दी जाती है
बड़े कहते है  ना भूलना
आज भी सिगरेट के बराबर कश लिये जाते हैं
बिना गिने
न जाने कैसे
काश! मुझे भी बीड़ी के कुछ बचे हुए टूंठ मिल जाते
मसखरो से संजीदा होने की अपेक्षा नही की जाती
और दिशाहीन जिन्दगी जीते हुए
किसी निश्चित विषय मे नहीं लिखना चाहता !!
फिर भी एक चोरी का कनवरसेशन जरूर लिखूंगा

लड़का: मै कोशिस कर रहा हूं..!
प्रीत: हां तुम्हे ..??
लड़का : डर लगता है..
प्रीत : डर.भूल जाओ
लड़का : आइ मिस य़ू.
प्रीत : हां अवश्य..
लड़का : ये अब ...और क्या..कुछ  !! नहीं ...मै आउंगा..
प्रीत : य़ू शुड बी  पेशंट.
लड़का : आई एम ए फ़ेलयर..
प्रीत: तुम्हें बेहतर करना है
लड़्का : मुझमें ताकत नही
प्रीत : तुम उसका इस्तेमाल नहीं करते
लड़का : आइ एम लेजी
प्रीत: यू रेसिस्ट
लड़का : आइ...................................
प्रीत: य़ू हैव टु प्रूव इट..
लड़का : आइ विल
प्रीत : आई नो( क्नो) इट.....






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