आंगन के गीत
कविता के लिए एक ही शब्द काफी होता है- "जैसे" , जैसे तुम!
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कमल
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Monday, April 1, 2024
चाय का अच्छा बहाना था जुकाम का लाइलाज होना
जरा जोर से फ़ूको के इत्ती दूर से असर नहीं आता
और सब मैने डीलीट कर दिया है इन्बाक्स से
एक ही तो मेसेज है इन्त्जारी, मगर नहीं आता
डाटा
पैक मे बस चन्द एमबी ही बचे हैं इलाही
पर फ़ेसबुक पे आनलाएन कोई नजर नहीं आता
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