आंगन के गीत
कविता के लिए एक ही शब्द काफी होता है- "जैसे" , जैसे तुम!
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कमल
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Friday, March 22, 2024
मुलाक़ात
अदरक इलायची हो न हो
बस इक बार फ़ूंक देना
और गिरा भर देना मेरी शर्ट पे
सब मुलाकातें एक सी नही होती
सब चाय भी नहीं
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